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Devendra Kumar
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हटिया के जंग में विक्रम आदित्य जायसवाल की एंट्री! पंजा का जोर या नवीन जायसवाल का चौका
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By Devendra Kumar
इसी सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश में इस बार कांग्रेस विक्रम आदित्य जायसवाल को मोर्चे पर उतारने का इरादा रखती है. हालांकि आज की स्थिति में भी अजय नाथ शाहदेव उम्मीदवारों की रेस में बने हुए हैं, लेकिन अंदरखाने यह चर्चा भी है इस बार कांग्रेस विक्रम आदित्य जायसवाल पर दांव खेल सकती है, और उसका कारण है कि हटिया विधानसभा का सामाजिक समीकरण
सीट शेयरिंग पर बन गयी बात! दिल्ली में राहुल गांधी के साथ सीएम हेमंत की मुलाकात
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By Devendra Kumar
राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मुलाकात के कई मायने हैं, और यही कारण है कि सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज है कि झारखंड में सीट शेयरिंग का समाधान दिल्ली से निकलने वाला है.
लातेहार विधानसभा चुनाव 2024: शिक्षा मंत्री बैजनाथ राम के सामने भाजपा का चेहरा कौन!
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By Devendra Kumar
निश्चित रुप से कैबिनेट मंत्री का यह टैग चुनावी अखाड़े में एक मजबूती प्रदान करेगा, लेकिन यदि भाजपा प्रकाश राम पर एक बार फिर से दांव लगाने का फैसला करती है, तो यह मुकाबला काफी दिलचस्प हो सकता है. बैजनाथ राम के समान ही प्रकाश राम के पास भी चुनावी संघर्ष का लम्बा अनुभव है, कई पार्टियों के सफर के साथ ही चुनाव दांवपेंच में भी महारत हासिल है, इस हालत में प्रकाश राम को हल्के में लेने की थोड़ी सी भूल भी बैजनाथ राम पर भारी पड़ सकता है.
उत्पाद सिपाही भर्ती: "हाथी उड़ाओ की सरकार ने बनाया था दौड़ का नियम" झामुमो का पलटवार
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By Devendra Kumar
उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा में दौड़ के दौरान 11 युवाओं की मौत के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने इसे मौत की दौड़ बताते हुए एक न्यायिक आयोग बनाकर दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांग की है.
जगन्नाथपुर विधानसभा चुनाव 2024: चंपाई के खेल में फंसा सोनाराम सिंकू का कांटा
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By Devendra Kumar
क्या इन पांच वर्षो में सोनाराम सिंकू ने अपनी सियासी जमीन को इस हद तक मजबूत किया है कि कोड़ा दंपत्ति की चुनौतियां उनके सामने अब कोई मायने नहीं रखती या फिर कांग्रेस अपने रणनीतिक प्रबंधन के जरिये यह कांटा निकाल बाहर करने की स्थिति में है या फिर कोल्हान की सियासत में जमीनी रुप से सबसे मजबूत दिखने वाली झामुमो के पास इस कांटे की कोई काट है.
फंस या फंसा गए चंपाई! भगवा टाइगर से भाजपा में कोहराम, अब रमेश हांसदा ने बढ़ाई उलझन
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By Devendra Kumar
कई सियासी जानकारों का मानना है कि यह चंपाई सोरेन की अपनी गणित और सियासी रणनीति का हिस्सा है. चंपाई सोरेन झामुमो के साथ अपने रिश्ते को उस हद तक खराब नहीं करना चाहते, जहां से पीछे मुड़कर देखना भी मुश्किल हो, और उनका भी हश्र वही जाय जो कभी दलाल भुइंया, कृष्णा मार्डी, शैलेन्द्र महतो के साथ ही दूसरे नेताओं का हुआ था.
झामुमो का अभेद किला लिट्टीपाड़ा में कमल! छात्र नेता श्यामदेव हेम्ब्रम पर बाबूलाल का बड़ा दांव
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By Devendra Kumar
लिट्टीपाड़ा झामुमो का वह अभेद किला है, जिसे भेदने का सपना भाजपा हर बार पालती, हर सियासी पैतरें और दांव अपनाती है, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं आती. इस हालत में सियासी पगडंडियों पर अभी सफर की शुरुआत कर रहे श्यामदेव हेम्ब्रम क्या गूल खिलायेंगे, देखने वाली बात होगी और उससे भी बड़ा सवाल होगा दानियल किस्कू के सामने होगा, जिसने वर्ष 2019 में 52,772 वोट लाकर दिनेश विलियम मरांडी के सामने मजबूत चुनौती पेश की थी.
विधानसभा चुनाव 2024: चतरा के जंग में रश्मि प्रकाश! भोक्ता परिवार की दलित बहू का सियासी दांव
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By Devendra Kumar
चतरा में सत्यानंद भोक्ता के पास एक मजबूत सियासी जमीन है. पार्टी से अलग भी एक मजबूत वोट बैंक है, यदि इस वोट बैंक के साथ पार्टी का वोट जुड़ जाता है तो जीत की संभावना प्रबल हो जाती है, इस मजबूत सियासी जमीन को सत्यानंद आज भी अपने परिवार के पास ही रखना चाहते हैं, रश्मि प्रकाश का प्रयोग इसी सियासी शतरंज का हिस्सा है.
चंपाई का जयश्री राम लोबिन की नयी मुसीबत! मरांगबुरु पर चुप्पी या जारी रहेगी लड़ाई?
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By Devendra Kumar
भाजपा में एंट्री के बाद लोबिन के लिए अब वह पुराना अतीत संकट खड़ा करता नजर आने लगा है, आदिवासी समाज के बीच से यह सवाल उठने लगा है कि क्या लोबिन आज भी अपने उस स्टैंड पर कायम है? क्या आज भी लोबिन मारंगबुरु पर आदिवासी समाज के दावा के पक्षधर है? क्या आज भी लोबिन हेम्ब्रम को जैन मुनियों के नग्नता से आदिवासी महिलाओं के सामने संकट खड़ा होता दिखता है? या बदले सियासी हालात में अब वह आदिवासी समाज के इस लड़ाई से पीछे हटने वाले है. मारंगबुरु पर अब लोबिन का स्टैंड क्या है?
जय बिरसा से जय श्रीराम! 'भगवा टाइगर' चंपाई सोरेन की बदलती सियासत
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By Devendra Kumar
दि चंपाई सोरेन के इस बदलती सियासत को समझने की कोशिश करें तो यह एक प्रकार का राजनीतिक-रणनीतिक प्रबंधन है. जिस रणनीतिक प्रबंधन को साधने में अब तक बाबूलाल से लेकर अर्जुन मुंडा तक असफल रहें. चंपाई सोरेन एक साथ दो चेहरा सामने रखने की दीर्घकालीन राजनीति करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसमें हिंदुत्व का पूट भी होगा, आदिवासियत का छौंक भी. सादगी, सौम्यता और सरलता का वह हिस्सा जो अब तक के व्यक्तित्व का हिस्सा है. आदिवासी समाज के बीच उनकी पहचान को स्थापित करता रहेगा तो ‘जयश्री राम का उद्धोष’ भाजपा के उस कोर वोटरों के लिए है, जिनकी जड़े गैरझारखंडी है, जो आदिवासी-मूलवासी के मौजूदा पॉलिटिक्स में अपने आप को एडजस्ट नहीं कर पाता.
भगवाधारी हुए चंपाई! प्रभात तारा मैदान से भाजपा में शामिल होने का एलान
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By Devendra Kumar
4 दशक के हरा पट्टा का साथ छोड़ते हुए आखिरकार पूर्व सीएम चंपाई भगवाधारी बन गयें. केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और हिमंता विस्व सरमा की उपस्थिति में चंपाई सोरेन को पार्टी की सदस्यता दिलवायी गयी. इस अवसर को भव्य बनाने के लिए रांची के प्रभात तारा मैदान में विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
लोबिन का लंबा इंतजार! भाजपा को सत्ता रहा ताला मरांडी के बगावत का खतरा?
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By Devendra Kumar
भाजपा लोबिन या ताला मरांडी में से किसी एक चेहरे पर ही दांव लगा सकती है. यदि वह लोबिन को भगवा पट्टा पहनाने का फैसला करती है, तो ताला मरांडी का बिदकना तय है, मुश्किल यह है कि ताला मरांडी की पहचान किसी पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ता की नहीं रही है. आजूस-कांग्रेस के साथ ही कई पार्टियों का सफर किया है. यदि भाजपा के अंदर सियासी महत्वाकांशा की पूर्ति नहीं होती है तो पालाबदल की खबर भी से इंकार नहीं किया जा सकता