- Hindi News
- राज्य
- झारखण्ड
- झारखंड पुलिस भर्ती में 12 मौतों पर पॉलिटिक्स फुल ऑन, बीजेपी का सीएम हेमंत के खिलाफ बड़ा दांव
झारखंड पुलिस भर्ती में 12 मौतों पर पॉलिटिक्स फुल ऑन, बीजेपी का सीएम हेमंत के खिलाफ बड़ा दांव
बीजेपी राजनीतिक लाभ उठाने की कर रही कोशिश: सीएम हेमंत
झारखंड में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान 12 उम्मीदवारों की मौत हो गई, जिससे सियासी घमासान मच गया है। बीजेपी ने मृतकों के परिवारों को 1-1 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है, जिसे आने वाले चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है, क्योंकि राज्य में उसके पिछले सभी मुद्दे फीके पड़ गए थे।
राँची: झारखंड में कांस्टेबल भर्ती के फिजिकल टेस्ट के दौरान हुई अभ्यर्थियों की मौत पर सियासत तेज हो गई है। भाजपा ने इन मौतों के लिए सोरेन सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा ने इन अभ्यर्थियों की मौतों को हेमंत सोरेन सरकार द्वारा की गई मानव निर्मित राज्य प्रायोजित हत्या है करार दिया है। गौरतलब है कि झारखंड में आबकारी कांस्टेबल भर्ती के लिए चल रही शारीरिक परीक्षण की प्रक्रिया के दौरान 12 अभ्यर्थियों की मौत हुई है। ये मौतें अगस्त 22 से शुरू हुए शारीरिक परीक्षणों के दौरान हुईं। पुलिस ने इस बारे में रविवार को यह जानकारी दी थी।
इस घटना ने राजनीति की गलियों में हलचल मचा दी है। भर्ती परीक्षा में 12 लोगों की मौत ने पूरे देश को हिला दिया है। इस घटना ने सुर्खियों में जगह बनाई, तो राजनीति भी पूरी तरह से सक्रिय हो गई। भारतीय जनता पार्टी ने मृतकों के परिजनों की एक एक लाख मदद का ऐलान कर दिया। पार्टी ने घोषणा की कि हर मृतक के परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। बीजेपी के इस कदम को झारखंड चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
सोरेन सरकार को भाजपा ने मौतों के लिए ठहराया जिम्मेदार
झारखंड पुलिस भर्ती अभियान में फिजिकल टेस्ट के दौरान अभ्यर्थियों की मौतों को लेकर झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने झारखंड सरकार के खिलाफ मौर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के लचर प्रयास, झारखंड सरकार की लापरवाही के कारण आबकारी विभाग में सिपाही भर्ती मामले में 12 अभ्यर्थियों की मौत हो गई। यह चौंकाने वाली बात है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने नौकरियों का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय वह मौत बांट रही है। प्रतुल देव शाह ने कहा कि जिन केंद्रों पर ये शारीरिक परीक्षा होती है, वहां की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। अभ्यर्थियों की प्रारंभिक जांच करने के लिए चिकित्सकीय रूप से प्रशिक्षित लोग मौजूद नहीं हैं। ना ही केंद्र पर कोई एम्बुलेंस है। डॉक्टर मौके से गायब हैं। वर्तमान में 200 अभ्यर्थी अस्पतालों में हैं, और 100 से अधिक बहुत गंभीर परिस्थितियों में आईसीयू में हैं। राज्य भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। नौकरी की तलाश कर रहे ग्यारह लोगों की मौत हो गई है, झारखंड सरकार ने इस पर अभी तक कोई मुआवजा या नौकरी या कुछ भी घोषित नहीं किया है। कोई अधिकारी उनके घर नहीं गया। यह सरकारी सिस्टम द्वारा की गई हत्या है, हम इसे मौत नहीं कहते।
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर साधा निशाना
झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में कहा, जिस तरह से सरकार अभ्यर्थियों को दौड़ कराती है, ऐसा नहीं होता है। अभ्यर्थियों को 3 महीने पहले सूचित किया जाना चाहिए कि उन्हें कब दौड़ना है ताकि वे अभ्यास कर सकें। एडमिट कार्ड मिलने के 15 दिन के अंदर उन्हें दौड़ लगानी होती थी...कल मैंने अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल के कुछ बच्चों से बात की...उन्होंने कहा कि एक सेंटर में 6000 बच्चों को दौड़ाया जाता है और खड़ा भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि रात 12 बजे से लाइन लगती है और उनका नंबर 12 बजे तक आता है, इसलिए उन्हें नींद नहीं आती। मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन पर बच्चों को नौकरी नहीं मौत देने का आरोप भी लगाया।
हिमंता बिस्वा सरमा ने मृतकों के परिवार के लिए की बड़ी डिमांड
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि बीजेपी पीड़ित परिवारों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी। उन्होंने कहा कि साथ ही बीजेपी नेता पीड़ित परिवारों से मिलकर उनके प्रति संवेदना व्यक्त करेंगे। इसके साथ ही हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य सरकार से मांग की कि वह मृतक अभ्यर्थियों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा और एक आश्रित को सरकारी नौकरी दें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया तो भाजपा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाएगी।
बीजेपी राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही: सीएम हेमंत
बीजेपी के ऐलान के बाद झारखंड सरकार भी इस मुद्दे को बीजेपी के हाथ में जाने से रोकने की कोशिश कर रही है। सरकार ने भर्ती प्रकिया को अगले 3 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। ये भर्ती 3, 4 और 5 सितंबर को सात केंद्रों पर होनी थी। इसके साथ ही झरखंड की सत्तारूढ़ पार्टी, जेएमएम और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इस घटना का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि मृतक परिवार को एक-एक लाख रुपये की मदद बीजेपी का दिखावा है। सच्चाई यह है कि बीजेपी स्थिति की गंभीरता को नहीं समझती है, केवल चुनावी लाभ के लिए बीजेपी नेता इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।