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कोडरमा: मूलभूत सुविधाओं से वंचित है कोठियार पंचायत के 4 गांव
कोडरमा: सतगावां प्रखंड के कोठियार पंचायत के सुदूरवर्ती क्षेत्र कानीकेंद, रतनपुर, घोड़शाही, बैशखी गांव की 400 की आबादी आजादी के 77 साल बीत जाने के बाद भी आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। एक तरफ सरकार शहरों को सजाने व संवारने में लगी है, वहीं इस गाँव में पैदल चलने के लिए कोठियार गांव से चार गांव जाने के लिए मुख्य सड़क की व्यवस्था नहीं है।
कई साल पहले झारखंड अलग होने के बाद भी इन गांवों के लोग मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित हैं। यहाँ के छात्र छात्राएं आज भी उच्च शिक्षा से कोसों दूर है। इन गांवों की आबादी लगभग 400 है लेकिन यहां न ही कोई स्वास्थ्य सुविधाएं है और न ही सरकार के द्वारा गरीबों के कल्याण के लिए चलाए जा रहे योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है। इन गांवों में मैट्रिक पास करने वालों की संख्या 1 प्रतिशत है। जबकि गांव की दूरी मुख्य सड़क से 8 से 9 किलोमीटर है।
ग्रामीण जोधी राय, एखडू राय, लिलो राय, जीतन राय, शूकर टुड्डू, जगदीश राय, किशुन राय, विद्या सिंह, महेंद्र राय, प्यारी राय, कामेश्वर राय, गुरुदेव राय, पार्वती देवी आदि ने बताया कि कोठियार पंचायत से हमलोगों का गांव टापू में है। गाँव में आने जाने के लिए मुख्य सड़क नहीं है। बरसात के दिनों में मुख्य सड़क पैदल चलने लायक भी नहीं रहता है। जब कोई बीमार पड़ता है तो उसको डोली या खाट के सहारे मुख्य सड़क तक पहुँचाया जाता है।
बरसात के दिनों में मुख्य सड़क नहीं रहने से 3 से 4 महीनों तक बच्चों को शिक्षा ग्रहण से वंचित रहना पड़ता है जिससे बच्चो का भविष्य पर ग्रहण लगने की संभावना है। ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गाँव में बिजली तो है लेकिन नाम का ही जब बिजली में कहीं खराबी होती है तो महीनों बिजली गायब हो जाती है।
गांव आने के लिए सड़क की स्थिति ऐसी है कि गाड़ी से तो दूर पैदल चलने के लिए भी कई हचकोलो का सामना करना पड़ता है। जबकि यह गाँव प्रखंड मुख्यालय से 20 से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।