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झारखंड : कैसे होगा न्याय , मानहानि के मामले में राहुल गांधी पर 6 साल बाद भी कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी
रांची : 21 मई को जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि मनाई जा रही थी उस वक्त झारखण्ड की राजधानी रांची स्थित एमपी एमएलए कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में इंडिया ब्लॉक के स्टार प्रचारक और राजीव गांधी के पुत्र राहुल गांधी को समन भेज कर 11 जून को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है।
यह करवाई झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा भाजपा की युवा शाखा के राज्य कार्य समिति के सदस्य नवीन झा द्वारा दायर मानहानि मामले में आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका खारिज करने के लगभग तीन महीने बाद की गयी. वह भी तब जब झा के वकील विनोद साहू ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट (एनबीए) जारी करने की प्रार्थना की।
यह पहली बार नहीं जब राहुल को समन भेजा गया। मामले से परिचित हाईकोर्ट के एक वकील ने बताया कि मामले में उतार-चढ़ाव हो रहे हैं। पहली भी राहुल को समन भेजा गया था पर राहुल नहीं आये।
18 मार्च 2018 को राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया। एमपी एमएलए अदालत से उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की। उसके बाद गांधी ने इसे अजय कुमार गुड़िया की एसडीजेएम अदालत में चुनौती दी। गुड़िया ने राहुल के पक्ष में आदेश दिया और जुलाई को झा के मामले को खारिज कर दिया।
झा ने फिर गुड़िया के आदेश को न्यायिक आयुक्त नवनीत कुमार की अदालत में चुनौती दी, जिन्होंने झा के पक्ष में आदेश दिया और गुड़िया के आदेश को रद्द कर दिया। 28 नवंबर 2018 को एमपी एमएलए अदालत ने फिर से आपराधिक कार्यवाही शुरू की। इसके बाद राहुल ने दिसंबर 2018 में नवनीत कुमार के आदेश को झारखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी। लेकिन आखिरकार 21 फरवरी 2024 को राहुल की याचिका खारिज कर दी गई, अब फिर से एक समन जारी किया गया है।
राहुल के वकील कौशिक सर्खेल ने कहा की जैसे ही समन आएगा, राहुल गांधी की व्यक्तिगत उपस्थिति की छूट के लिए प्रार्थना की जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे पहले इसी तरह के दो मामलों में अदालत ने व्यक्तिगत उपस्थिति की छूट मिल चुकी है।
झा के वकील विनोद साहू ने कहा कि 18 मार्च, 2018 को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के पूर्ण सत्र में गांधी द्वारा भाजपा के खिलाफ भाषण देने के बाद झा ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था. राहुल ने भाषण में कहा था कि 'इस देश के लोग सत्ता के नशे में धुत भारतीय जनता पार्टी के झूठ बोलने वाले नेतृत्व को स्वीकार करेंगे क्योंकि वे जानते हैं कि , भारतीय जनता पार्टी किस लिए बनी है'। आगे गांधी ने कहा था कि ''वे (भाजपा) हत्या के आरोपी व्यक्ति को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में स्वीकार करेंगे लेकिन लोग कांग्रेस पार्टी में इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।''