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पिछले दस सालों में केजरीवाल ने जनता दरबार क्यों नहीं लगाया : संदीप दीक्षित (आईएएनएस साक्षात्कार)
नई दिल्ली 20 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा जंतर-मंतर पर जनता दरबार लगाने के ऐलान पर 'आप' पार्टी नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कहा है कि पिछले दस सालों में भी राज्य में आपकी सरकार थी, तब यह जनता दरबार क्यों नहीं लगाया गया। इसके अलावा उन्होंने देश की राजनीति में चल रहे अहम मुद्दों पर आईएएनएस से बात की। यहां पढ़िए उनसे एक्सक्लूसिव बातचीत के कुछ अंश।
सवाल: आगामी 22 सितंबर को आम आदमी पार्टी दिल्ली के जंतर मंतर पर जनता दरबार लगा रही है। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि इस दरबार से अरविंद केजरीवाल सीधे जनता से बात करेंगे।
जवाब : अरविंद केजरीवाल पिछले दस साल से राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब से वह क्या कर रहे थे। सभी आपके विधायक हैं। सारे कॉरपोरेटर भी आपके हैं। 10 साल में आप आम जनता से नहीं संवाद नहीं कर पाए। यह सिर्फ राजनीतिक मीटिंग है। चुनाव सामने आ रहे हैं, आम आदमी पार्टी की हालत खराब है। इसलिए यह जो बड़े-बड़े शब्द हैं, 'जनता की अदालत' जैसे, उनका प्रयोग कर रहे है। आप सरकार में हो। आप की सरकार चल रही है। आप पार्टी के मुख्यमंत्री हैं। कैबिनेट मंत्री आपके हैं। आपके ही विधायक हैं। आपके कॉरपोरेटर और मेयर भी हैं। आप वह काम करें, जिसके लिए जनता ने आपको चुनकर भेजा है। आपको समझ नहीं है, दिल्ली की जनता क्या चाहती है? यह इस बात को सीधे-सीधे दर्शाता है कि न ही जनता से इनका कोई संवाद है और न ही जनता की भावनाओं की इनको समझ है। इन लोगों ने फ्री की चीजें बांट कर जनता को लुभा लिया था लेकिन अब जनता इनसे ऊब गई है।
सवाल : गुरुवार को दिल्ली के एलजी ने दिल्ली सरकार और एमसीडी को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वाटर लागिंग बढ़ गया है। गलियों में सफाई नहीं हो रही है। इसकी वजह से राज्य की जनता त्रस्त है।
जवाब : मैं बहुत आश्चर्यचकित हूं कि एलजी को दिल्ली के लोगों की समस्याएं अभी दिखाई पड़ी हैं। हमें तो पिछले कई सालों से यह समस्याएं दिखाई पड़ रही हैं। लेकिन उन्होंने जो बात रेखांकित की है वह महत्वपूर्ण है। दिल्ली में आज शायद ही कोई ऐसा इलाका बचा होगा चाहे न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी हो या पुरानी ऑथराइज्ड कॉलोनियां हों, जिन्हें कांग्रेस सरकार ने रेगुलराइज किया था, अगर आज पांच मिनट भी बारिश हो जाए तो हर जगह पानी भर जाता है। इलाके में तालाब बन जाता है। उनमें सीवर का बैक फ्लो होता है। राज्य में पीने का पानी और सीवर के पानी का कब मिल जाता है, पता ही नहीं चलता। दिल्ली वासियों का जीवन नारकीय हो गया है।
लोगों को सरकार की तरफ से जो सामान्य सुविधाएं मिलती हैं, उनमें बिजली, पानी, सड़क, सीवर की व्यवस्था, साफ हवा, कूड़े की सफाई जैसी कुछ चीजें होती हैं। ऐसा माना जाता है कि यह चीजें मूलत: केवल सरकार देती है। उन सबमें केजरीवाल की सरकार बुरी तरह फेल होकर निम्नतम स्तर पर आ गई है।
सवाल : तिरुपति मंदिर में प्रसाद को लेकर काफी विवाद खड़ा हो गया है। एक रिपोर्ट आई है जिसमें तिरुपति मंदिर के लड्डू में मछली का तेल तक मिलाए जाने की बात कही गई है।
जवाब : यह बहुत ही झटका देने वाली खबर है। तिरुपति एक ऐसा मंदिर है, ऐसा देवस्थान है, जिसमें करोड़ों भारतीयों की आस्था जुड़ी है। इसको दूसरे तरीके से भी लें तो जब हमारा मित्र, कोई सहयोगी तिरुपति मंदिर जाता है, तो हम लोग उस लड्डू का इंतजार करते हैं। मुझे लगता है कि यह लड्डू हिंदुस्तान की प्रसिद्ध चीजों में से एक है। इससे आदमी को प्रसाद के साथ तिरुपति बिना जाए भगवान के दर्शन हो जाते हैं। उस चीज में अगर ऐसी मिलावट कोई कर दे तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरा सरकार से निवेदन है इसमें आप जांच कीजिए। यह मिलावट कहां से हुई? कैसे लड्डू बनते हैं? इसके पीछे कौन-कौन से फैक्टर हैं? तभी इस मामले में पूरा खुलासा होगा। तिरुपति बहुत बड़ी संस्था है, उसमें सरकार के लोग भी होते हैं। उनकी देखरेख में अगर ऐसी बात हो रही है तो यह बात स्पष्ट है कि जो प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार था। यह प्रशासन की नाकामी है।
सवाल : राज्य के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा है कि सनातन धर्म बोर्ड बनना चाहिए, जो पूरे देश के मंदिरों की मॉनिटरिंग करे। बोर्ड तिरुपति जैसे विवाद पर निगरानी रखे।
जवाब : वह अपने प्रदेश में कुछ भी करें यह उनका काम है। लेकिन इसके लिए सामान्य कानून है। आप सामान्य कानूनों को ही यदि ढंग से लागू कराएंगे तो ऐसी दिक्कत नहीं होगी। खाद्य ऐक्ट है। फूड इंस्पेक्टर होते हैं। वह इस चीज की जांच करते हैं। जांच के लिए बड़ी- बड़ी प्रयोगशालाएं बनी हुई हैं। इसके लिए किसी भी नए बोर्ड की स्थापना की जरूरत नहीं है। वह नए-नए उपमुख्यमंत्री बने हैं। मेरा पवन कल्याण से निवेदन है कि वह अपनी सरकार से कहें कि हमारे सामान्य कानूनों को सुचारू रूप से लागू कराएंगे तो 99 फीसदी ऐसी गलतियां नहीं होंगी।
सवाल : गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस-एनसी का जो एजेंडा है वही पाकिस्तान का एजेंडा है।
जवाब : 'पाकिस्तान' प्रधानमंत्री मोदी का चिर परिचित शब्द है। जब वह हारना शुरू करते हैं तो पाकिस्तान का नाम लेने लगते हैं। हमारे लिए यह बड़े संतोष की बात है। जिस चुनाव में वह हारने लगते हैं तो पाकिस्तान का नाम लेने लगते हैं। हमें पता चल जाता है भाजपा और पीएम मोदी के पास कोई और मुद्दा नहीं बचा है। वह कभी पाकिस्तान का नाम लेने लगते हैं, कभी मुसलमानों का नाम लेने लगते हैं। कभी कुछ आतंकियों का नाम लेकर इधर-उधर की बातें करने लगते हैं। जिससे लोगों का ध्यान मुद्दे से भटक जाए। पिछले 10 साल से जम्मू-कश्मीर में भाजपा का राज है। आज पीएम महबूबी मुफ्ती की पार्टी को बड़ी बड़ी बातें कह रहे हैं, उन्हीं के साथ इनकी पार्टी का गठबंधन था। तीन से चार साल राज्य में इन्होंने सत्ता में मजे किए। उसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन और अब केंद्र शासित प्रदेश।
पिछले आठ दस सालों से तो भाजपा राज कर रही है राज्य में। उन्होंने पिछले दस सालों में राज्य में किया ही क्या है। पूरे देश में तो वह कहते हैं कि पिछले 70 सालों में जो नहीं हुआ वह पिछले 10 साल में कर दिया। आपने पिछले 10 साल में कश्मीर में क्या कर दिया, यह भी तो बताना चाहिए। उसका भी तो प्रधानमंत्री मोदी रिपोर्ट कार्ड दें। जब भी वह अपने काम का रिपोर्ट कार्ड नहीं देते तो हमें पता चल जाता है कि बस अब 'पाकिस्तान' का नाम आने वाला है, वह आ गया है, ताकि मुद्दे से ध्यान भटक जाए।
--आईएएनएस
पीएसएम/एएस