कश्मीर में इस साल आ सकते हैं रिकॉर्ड पर्यटक

श्रीनगर, 30 मई (आईएएनएस)। इस साल कश्मीर में पर्यटकों की संख्या सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ सकती है। घाटी में अब तक 12.5 लाख से अधिक से अधिक पर्यटक आ चुके हैं।

पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक यहां 12.5 लाख से अधिक पर्यटक आ चुके हैं। पर्यटकों के लगातार आगमन को देखते हुए इस साल सभी पिछले रिकॉर्ड टूट सकते हैं।

श्रीनगर के होटल, गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट और पहलगाम व सोनमर्ग के हिल स्टेशनों के सभी होटलों की बुकिंग जून के मध्य तक हो चुकी है।

एक अधिकारी ने बताया," कश्मीर स्थिति गेस्ट हाउस, होमस्टे, डल और निगीन झीलों के हाउसबोट और ठहरने के अन्य स्थान भर चुके हैं।"

कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार और शांति के कारण इस साल यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है।

कश्मीर के होटल एसोसिएशन के एक सदस्य ने कहा, "विदेशी पर्यटकों के कश्मीर आने से हमें विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, वे घरेलू पर्यटकों की तुलना में अधिक खर्च करते हैं। घाटी में स्थिति सभी पांच सितारा होटलों की बुकिंग हो चुकी है। बुकिंग कराने वाले अधिकतर घरेलू पर्यटक हैं।"

आम तौर पर वार्षिक अमरनाथ यात्रा की शुरुआत के साथ तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के कारण घाटी में पर्यटकों की संख्या में कमी आनी शुरू हो जाती है। तीर्थयात्री समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर कश्मीर हिमालय पर स्थित गुफा मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।

इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है और 52 दिनों के बाद 19 अगस्त को समाप्त होगी।

होटल व्यवसायियों का मानना ​​है कि वर्तमान में जारी बुकिंग को देखते हुए, आगामी अमरनाथ यात्रा से पर्यटकों की संख्या प्रभावित होने की संभावना बहुत कम है।

चार दशकों से ज़्यादा समय से कारोबार कर रहे एक स्थानीय टूर और ट्रैवल ऑपरेटर ने कहा, "हालांकि देश में शिमला, दार्जिलिंग और नैनीताल जैसे दूसरे हिल स्टेशन भी हैं, लेकिन कश्मीर का आकर्षण अलग है।"

फ़िलहाल, मुख्य रूप से गुजरात, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से पर्यटक घाटी में आ रहे हैं। स्थानीय टूर और ट्रैवल ऑपरेटरों का कहना है कि दिल्ली और पंजाब के पर्यटकों का आगमन अगले महीने के मध्य से शुरू होगा।

गौरतलब है कि बागवानी के बाद कश्मीर में पर्यटन दूसरा मुख्य उद्योग है। माना जाता है कि बागवानी से स्थानीय अर्थव्यवस्था में हर साल दस हजार करोड़ रुपये का योगदान होता है, जबकि पर्यटन उद्योग से सालाना आठ हजार करोड़ रुपये की आय होती है।

बागवानी से होने वाली आय जहां बागवानों तक ही सीमित होती है, वहीं पर्यटन से होटल व्यवसायी, हाउसबोट मालिक, डल झील पर शिकारावाले, टैक्सी संचालक, टट्टूवाले, पर्यटक गाइड और ट्रैवल संचालकों के अलावा शॉल, कालीन, लकड़ी की नक्काशी और हस्तशिल्प कारीगरों को भी रोजगार मिलता है।

-आईएएनएस

सीबीटी/

Edited By: Samridh Bharat

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